Monday 30 November 2015

मुझे बस सिर्फ तू और तू ही हर बार चाहिए...........



मुझे तो बस एक तुम्हारा ही साथ चाहिए,
थामने के लिए मुझे तुम्हारा हाथ चाहिए,
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छोड़ तो ना दोगे तुम मुझे बीच राह में कहीं?
बिन तुम्हारे ना सुबह और ना शाम चाहिए,
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जिस बारिश के बीच बस तुम ही हो संग मेरे,
मुझे रो बस सावन की वो ही बरसात चाहिए,
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आओगे तुम जिस रात ख्वाबों में मेरे करीब,
जीवन में बस वो ही सपनों वाली रात चाहिए,
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ना साँसों की ज़रुरत ना ज़रुरत धड़कनों की,
हर पल हर घड़ी बस तेरा ही दीदार चाहिए,
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गम नहीं गर हासिल ना हो खुशियाँ मुझको,
मुझे बस सिर्फ तू और तू ही हर बार चाहिए...........

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