Friday 15 April 2016

रिश्ते

मैं रूठा.. तुम भी रूठ गए ..फिर हम दोनों को मनाएगा कौन ?
आज जो दरार है ..कल ये खाई होगी ..फिर इसे भरेगा कौन ?
मैं चुप..तुम भी चुप..इस चुप्पी को ..फिर
तोडेगा कौन ?
बात छोटी सी लगा लेँगे दिल से ..तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी ..और तुम भी बिछड़कर ..सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी..न तुम राजी..फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा जब यादों में दिल कभी .. फिर हमें धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे मेँ... एक तेरे भीतर भी..इस अहम् को ..सोचो फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ..फिर ऐसे ही इन लम्हों में अकेला..रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से ..गर किसी दिन एक ने आँखें ...तो कल इस बात पर फिर... पछतायेगा कौन ?

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