प्यार का एसा रंग छाया.....
चाहकर भी ना रोक पाऊं.....
हर जगाह बस तू नजर आय.....
जो छुपी थी..... काले चश्मो के पीछे.....
वो तेरी झील सी आँखें आज नजर आई.....
खुदकी आँखों को बंद किया.....
फिर तेरी सूरत को मैंने पलकों में बसाया......
क्यूँ ईतनी चाहत है तुझसे.....
आजतक मैं खुद को ही... समझ नही पाया......
हर आस मेरी अब तुझसे है.....
ये तू भूल ना जाना.....
जो किए है वादे तूने दिल से उसे निभाना....
साथ तुने मेरा छोड़ दिया तो ये दर्द ना सहे पाऊंगा....
तब तू एक बर जो कहे दे तो....
इस जँहा को छोड़ जाऊँगा.....
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