Tuesday 31 March 2015

मुस्कराहट

सौ गुणा बढ़ जाती है खूबसूरती महज मुस्कराने से ।
फिर भी बाज़ नहीं आते है लोग बुरा सा मुँह बनाने से ।।

Monday 30 March 2015

दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता
हे कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो
गुजारो वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे.

ये रिश्ते भी अजीब हे...
बिना विश्वास के शुरु नहीं होते . . .
और बिना धोखे के ख़तम नहीं होते ...!!

Tuesday 10 March 2015

हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम....
फिर वही शायरी_ फिर वही इश्क_ फिर वही तुम_
बात सिर्फ इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे..!
अब बात इतनी बढ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता__
हमारे बाद नही आएगा तुमे चाहत
का ऐसा मजा...
तुम लोगो से कहती फिरोगी, मुझे चाहो #HD
की तरह__
मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं,
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है__
मुझे हर वक्त मुस्कुराता देखकर कर....
जमाना तो क्या साहिब खुदा भी कश्मकश में है..!
क्या कशिश थी उस की आँखों में.. मत पूछो.
★☆★
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यह शख्स चाहिए
तलवार चली गई होगी पर तजुर्बे नहीं गये इन हाथों सें,
ऐ दुश्मन तुम हथियार लेकर भी हार जाओगे..!!
जिस दिन मेरी #मौत की #खबर
मिलेगी तब
#लोग यही कहेंगे
.
.
#बन्दा कभी मिला तो नही था but
#पोस्ट_अच्छी_डालता था।
हम बदलते है तो निजाम बदल जाते है।। सारे मंजर, सारे अंजाम बदल जाते है।।
कोन कहता है #भगत #सिंह फिर नहीं पैदा होते?? पैदा तो होते है बस #नाम बदल जाते है।।.
गम के पास तलवार, मैं उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ। ऐ जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए मैं एक चाल लिए बैठा हूँ।
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख-मिचोली का, मिलेगी कामयाबी हौसला कमाल लिए बैठा हूँ।
चल मान लिया दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक, गिरेबान में अपने सुनहरे साल लिए बैठा हूँ।
ये गहराइयाँ, ये लहरें, ये तूफाँ, तुम्हे मुबारक, मुझे क्या फिक्र मैं कश्ती बेमिसाल लिए बैठा हूँ।
मेरे पीठ पर जो जख्म है वो अपनों की निशानी हैं...
वरना सीना तो आज भी दुश्मनो के इंतजार मे बैठा है...
तुमने क्या सोचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,
छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने से लगाने के लिए
अगर है गहराई तो चल डुबो दे मुझको
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो कि बारी है
एक चूड़ी बेचने वाले को वो अपनी पूरी कलाई
थमा दि उसने
जिसकी मैं अपनी पूरी उम्र तक एक ऊँगली तक
नहीं छूँ सका,
रानी नही हे तो क्या हुआ.....
ये राजा आज भी लाखों के दिल पे राज करता है ! —
फ्री में हम किसी को # गाली तक नहीं देते..... # स्माइल
तोह बहुत दूर की बात है.......
तेरा # रूप भले ही # लाखों में एक हो ,,,
पर मेरा # कमीनापन_करोड़ों में एक है !!
#प्यार , # एहसान , # नफरत , # दुश्मनी जो चाहो वो हमसे करलो. आप की कसम वही # दुगुना मीलेगा!
वोह सुबह उठे तोह हम से लड़ने आये,
की तुम कोण होते हो मेरे ख्वाबो में आने वाले__
इतना कुछ हो रहा है इस दुनिया में….
क्या तुम मेरे नही हो सकते???__
शहंशाही नहीं मुझे ईन्सानियत अदा कर
मौला
 मैं लोगो पर नहीं दिलों पे राज़ करना चाहता हूँ......!!!!
तू खुश रहे खुदा करे मेरा दिल यही दुआ करे;
तेरे होंठ मुस्कुराएं सदा तेरी आँख सदा हँसा करे;
मजबूर जरूर हूँ पर किसी का गुलाम नही..!!
सल्तनत भले ही छोटी है
पर आज भी अकेला सुल्तान हूँ... !!
अमीर तो हम भी बहुत थे,पर दॊलत सिर्फ दिल की थी……
खर्च भी बहोत किया ए दोस्त,पर दुनिया मे गिनती सिर्फ नोटों की हुई..!!

सोक नही रहा हमे इसक अऐ मोहबत्त का
वर्ना गांव की गोरी पनघट पे और सहर की छोरी ट्यूशन पे आज भी हमारा इन्तजार करती है ।
काश तुझ पर भी लागु होती
RTI(RIGHT TO INFORMATION)
.....ऐ जिन्दगी ..
बहुत से जवाब चाहिए...मुझे ..
बहुत सी बातें.... सोच रखी हैं ... तुम्हें सुनाने के लिए.... पर तुम हो कि आते ही नहीं.... मनाने के लिए.....-
क तुम हो कि कुछ कहती नहीं
एक तुम्हारी यादें हैं.. कि चुप रहती नहीं ..
गिनती ठीक से सीखा नही, मगर...
 इतना मालूम हैं खुशियाँ बांटने से बढती हैं !
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले..
 अपनी कीमत उतनी रखिए,
जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे..!
मैं ना किसीका बूरा चाहता हुँ और ना ही सोचता हुॅ
मैंने बरबाद होते देखा है उनको जो मेरा बूरा सोचते हैं
सर्द # हवाएँ क्या चली # फिज़ाओं में.... हर तरफ तेरी # यादों की # धुँध बिखर गई
जितना रूठना है रूठ ले पगली। जिस दीन हम रूठ गये ना। उस दीन से तु रूठना ही छोड देगी।
तुम पे लिखना शुरू कहा से करुँ अदा सै करूँ या हया सै करुँ
तुम्हारी दौस्ती इतनी खुबसुरत है पता नही
तारीफ जुबाँ सै करुँ या दुआँ सै करुँ....!!
अगर तुम अपने पापा की "परी" हो, तो हम भी अपने बाप के "नवाब" है
मुलाकाते जरूरी है अगर बचाने है रिशते,

लगाकर भूल जाने से तो पौधे भी सूख जाते है......!!
नफरतो के बीच ही सच्चा प्यार जिन्दा है।। 
क्या नज़र है तेरी किसी की नज़र ना लगे इस हसीन हस्ती को।
चलो कि अब कोई नया धर्म बनया जाए, "मसीहा" इंसान को इंसान बनाया जाए
यारो बन लिए हम बहुत हिन्दू-मुस्लिम , प्रेम का सूरज नया जिंदगी में लाया जाये ...!!!!
चीखकर हर जिद पूरी करवाता है इकलौता बेटा!!
मगर बिटिया गुजर कर लेती है टूटी पायल जोड़कर!!!
हुकूमत बाजुओं व नकदनारायण के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं...!!!
सिर्फ तेरे सामने शरीफ बनने का दिखावा करता हूं..!
वरना आके देख ले... जहां पेर रखता हूं..!
सलाम करने वाले की लाइन लग जाती हैं....
सफर है ज़िँदगी का, ............यादें कुछ पलोँ की। सुकून मेरे दिल का, .........हँसी उनके लबोँ की। ग़म उनको खोने का, ......चाहत उनको पाने की। इरादा उनके साथ का, ......नज़र लगी जमाने की। सब्र मेरी आशिकी का, ........वफा उनके वादोँ की। दर्द दूर होने का, ..........ख़ता थी इरादों की। प्यार समझा खेल उनका, ......भूल मेरे अफ़साने की। खुशी ही तो माँगी थी, ......उनसे दिल लगाने की। सज़ा मुझको खूब मिली, ...पत्थर से दिल लगाने की। कहाँ हैसियत थी 'सागर', .....उनकी प्यास बुझाने की।
मैं गँवार हूं...गांव का गवाँर हूँ... क्योंकि मेरे आदर्श शहीद चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह है, सनी लियोन या हनी सिंह नहीं. . हाँ मैं गांव का गवाँर हूँ, क्योंकि मेरे घर मेँ तुलसी का पौधा है, मनीप्लान्ट नही.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि मेरे घर गीता- रामायण पढ़ी जाती है, सत्य कथा या मनोहर कहानियाँ नही.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि मातृभाषा हिन्दी लिखता हूँ, फिरंगियों की भाषाअँग्रेजी नहीं.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि हमारे घर महाराणा प्रताप देखा जाता हैं, फ़ैशन टीवी नहीं.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि परिवार की बहन बेटी घर पर, तीज- त्यौहार मनाती हैं... क्लब या डिस्को में नही… . अगर ये गवाँरपना है तो मैं गवाँर हूँ, जिन्हे पसंद हो उन्हे उनकी पश्चिमी सभ्यता मुबारक… वो पश्चिम जहाँ सूरज भी जाकर डूब जाता है... 🚩राम राम🚩

एक औरत गर्भ से थी पति को जब पता लगा की कोख में बेटी हैं तो वो उसका गर्भपात करवाना चाहते हैं दुःखी होकर पत्नी अपने पति से क्या कहती हैं :-
सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को, वो खूब सारा प्यार हम पर लुटायेगी, जितने भी टूटे हैं सपने, फिर से वो सब सजाएगी..
सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को, जब जब घर आओगे तुम्हे खूब हंसाएगी, तुम प्यार ना करना बेशक उसको, वो अपना प्यार लुटाएगी..
सुनो ना मारो इस नन्ही कलि को, हर काम की चिंता एक पल में भगाएगी, किस्मत को दोष ना दो, वो अपना घर आंगन महकाएगी..
😑ये सब सुन पति अपनी पत्नी को कहता हैं :-
सुनो में भी नही चाहता मारना इसनन्ही कलि को, तुम क्या जानो, प्यार नहीं हैं क्या मुझको अपनी परी से, पर डरता हूँ समाज में हो रही रोज रोज की दरिंदगी से..
क्या फिर खुद वो इन सबसे अपनी लाज बचा पाएगी, क्यूँ ना मारू में इस कलि को, वो बहार नोची जाएगी.. में प्यार इसे खूब दूंगा, पर बहार किस किस से बचाऊंगा,
जब उठेगी हर तरफ से नजरें, तो रोक खुद को ना पाउँगा.. क्या तू अपनी नन्ही परी को, इस दौर में लाना चाहोगी,
जब तड़फेगी वो नजरो के आगे, क्या वो सब सह पाओगी, क्यों ना मारू में अपनी नन्ही परी को, क्या बीती होगी उनपे, जिन्हें मिला हैं ऐसा नजराना, क्या तू भी अपनी परी को ऐसी मौत दिलाना चाहोगी..
ये सुनकर गर्भ से आवाज आती है.....ं सुनो माँ पापा- मैं आपकी बेटी हूँ मेरी भी सुनो :-
🙆पापा सुनो ना, साथ देना आप मेरा, मजबूत बनाना मेरे हौसले को, घर लक्ष्मी है आपकी बेटी, वक्त पड़ने पर मैं काली भी बन जाऊँगी
💁पापा सुनो, ना मारो अपनी नन्ही कलि को, तुम उड़ान देना मेरे हर वजूद को, में भी कल्पना चावला की तरह, ऊँची उड़ान भर जाऊँगी..
🙅पापा सुनो, ना मारो अपनी नन्ही कलि को, आप बन जाना मेरी छत्र छाया, में झाँसी की रानी की तरह खुद की गैरो से लाज बचाऊँगी...
😗पति (पिता) ये सुन कर मौन हो गया और उसने अपने फैसले पर शर्मिंदगी महसूस करने लगा और कहता हैं अपनी बेटी से :-
मैं अब कैसे तुझसे नजरे मिलाऊंगा, चल पड़ा था तेरा गला दबाने, अब कैसे खुद को तेरेे सामने लाऊंगा, मुझे माफ़ करना ऐ मेरी बेटी, तुझे इस दुनियां में सम्मान से लाऊंगा..
वहशी हैं ये दुनिया तो क्या हुआ, तुझे मैं दुनिया की सबसे बहादुर बिटिया बनाऊंगा.
मेरी इस गलती की मुझे है शर्म, घर घर जा के सबका भ्रम मिटाऊंगा बेटियां बोझ नहीं होती.. अब सारे समाज में अलख जगाऊंगा!!! Share this beautiful msg with all
खुश हूँ और खुश रखता हूँ, लापरवाह हूँ फिर

भी सबकी परवाह करता हूँ। मालूम है कोई मोल


नही है मेरा, फिर भी 'अनमोल लोगों' से


'रिश्ता' रखता हूँ.....
हम हमारे दुश्मनों को मारेंगे जरुर लेकिन
दिमाग से नहीं दिल से मरेंगे क्योकि हम
हरामजादे नहीं इश्कज़ादे हे
खुदा करे सलामत रहे किसी दुआ कि तरह
ऐ ~ Dost
एक आप और दूसरा मुस्कुराना आपका !!!! :।
चमन के फूल भी तुमको गुलाब कहते है,
एक हम ही नहीं  सभी तुम्हे लाजवाब कहते है.
सोचता हुँ आपकी तारिफ मेँ कुछ तो लिखू....

फिर खयाल आया कि कही #पढने वाला भी आपका दिवाना ना हो जाय__