Thursday 21 April 2016

तू जान है मेरी

                  तू जान है मेरी
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ  पर अब भी तुझे मैं अपनी जान मानता हूँ
एक आखरी मौका दे मुझे  आज भी मैं तुझे अपनी शान मानता हूँ
सिर्फ सांसे ही तो बाकि है जब तेरी याद आती है
याद में तेरी साथ ये भी छोड़ जाती है
गलती तो सबसे होती है गलती मुझसे भी हो गयी
अब माफ़ भी कर दे मुझे  क्यूँ दूर इतना  हो गयी एक गलती के लिए
क्यूँ साथ छोड़ गयी क्यूँ तू मुंह मोड़ गयी तू क्यों बेनिशान सा निशान छोड़ गयी
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ
पर अब भी तुझे में अपनी जान मानता हूँ शान  मानता हूँ .........
सोचा कुछ पीकर तुझे भुला दूंगा पर पीकर भी याद आई तू ..
इतनी सी बात पर छोड़ गयी तू  जाना ही था तो आई क्यूँ
जीना मेरा आसान कर तू मिलके ये अहसान कर.....
याद तेरी सताती है अब आजा बात मेरी मानकर ....
जब जब तू चली जाती है ऐसी नमी छा जाती है  ..
जैसे गिर पड़े हो बादल मुझ पर एक आंच दिल पे आ जाती है
जब आँखे बंद होती है बस तू साथ होती है ...
तेरी यादो के तकिये पर बस रात मेरी सोती है ..
तू क्यूँ दूर है यूँ मुझसे  तुझे चाहता हूँ पुरे दिल से
सुन ले  मेरी आरजू .....तू ही मेरी जान है  तू ही मेरा जहाँ है
तू ही है सब कुछ मेरा  अधुरा तेरे बिन ये दिल ये मेरा
क्या तू समझती नहीं ये दिल है सिर्फ तेरा ....
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जनता हूँ
पर अब भी तुझे मैं अपनी जान मानता हूँ
एक आखरी मौका दे मुझे
आज भी मैं तुझे अपनी शान मानता हूँ
शान मानता हूँ .........
जान मानता हूँ ............. जान मानता हूँ ....... जान मानता हूँ .............
                                                                   
                             

                                                                       ****** I Miss You always ***

Monday 18 April 2016

Kuna ji ke mele chala Mhari gori New Rajasthani song 2016

Friday 15 April 2016

रिश्ते

मैं रूठा.. तुम भी रूठ गए ..फिर हम दोनों को मनाएगा कौन ?
आज जो दरार है ..कल ये खाई होगी ..फिर इसे भरेगा कौन ?
मैं चुप..तुम भी चुप..इस चुप्पी को ..फिर
तोडेगा कौन ?
बात छोटी सी लगा लेँगे दिल से ..तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी ..और तुम भी बिछड़कर ..सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी..न तुम राजी..फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा जब यादों में दिल कभी .. फिर हमें धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे मेँ... एक तेरे भीतर भी..इस अहम् को ..सोचो फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ..फिर ऐसे ही इन लम्हों में अकेला..रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से ..गर किसी दिन एक ने आँखें ...तो कल इस बात पर फिर... पछतायेगा कौन ?

Monday 4 April 2016

तुम अपना रंज-ओ-ग़म, अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हे ग़म की कसम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
ये माना मैं किसी काबिल नहीं हूँ इन निगाहों में
बुरा क्या है अगर ये दुःख ये हैरानी मुझे दे दो
मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हे कैसे सताती है
कोई दिन के लिये अपनी निगेंबानी मुझे दे दो
वो दिल जो मैंने माँगा था मगर गैरों ने पाया था
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो