Saturday 31 October 2015

बाअदब आँखों में गौहर छुपाए रखता हूँ

बाअदब  आँखों में  गौहर छुपाए रखता हूँ
लबों पर अपने  तबस्सुम सजाए रखता हूँ  .
मुक़म्मल आराम  चाहती हैं थकी  पलकें
आख़िरी  दिन लिए नींद बचाए  रखता हूँ.
कोई तन्हा छोड़ गया था मुझ दीवाने को
उसी मोड़ पर मैं आँखे बिछाए रखता हूँ.
चराग़ रौशन रखने  हों जब देर तलक
एहतियातन दूर  उनसे हवाएँ रखता हूँ.
बनानेवाले ने कैसे-कैसे लोग बनाए हैं
कोशिश करता हूँ  सबसे  बनाए रखता हूँ.
Royal StaR HD

Sunday 25 October 2015

रहम कर कुछ तो अब तू ज़िन्दगी

रहम कर कुछ तो ज़िन्दगी
जब वो नहीं है तो क्यू खामखा मुझको,
उसके खवाबों और यादों से सताती है,
तू तो चैन से सो जाती है, हमको फिर
कई दिनों तकनींद नहीं आतीहै
रहम कर,
रहम कर कुछ तो ज़िन्दगी
राह चलते चेहरों में तू उससे मुलाक़ात कराती है
तू रोज मुझसे ही मेरा क़त्ल कराती है
रहम कर कुछतो ज़िन्दगी
तेरी हरकतों सेही,
घंटों सुलगती रहती है, उसकी यादों की आग इस सीने में,
बुझने पर उड़ती राख, आँख किरकिरा कर जाती है
या तो अब रहम कर या दफ़न कर मुझको
अब तेरी और सरदर्दी सहन नहीं हो पाती है
चंद साँसें औरहैं चंद दिन औरहैं
उसकी यादों से बड़ी तकलीफ़ होती है
रहम कर कुछ तो अब तू ज़िन्दगी

Wednesday 21 October 2015

दशहरे की हार्दिक शुभ कामनायें

अधर्म पर धर्म की जीत, अन्याय पर न्याय की विजय;
बुरे पर अच्छे की जय जय कार, यही है दशहरे का त्यौहार।
दशहरे की आपको हार्दिक शुभ कामनायें!

विजयादशमी की शुभकामनायें

जरूरी है अपने ज़ेहन में 'राम' को ज़िन्दा रखना;
दोस्तो... पुतले जलाने से कभी 'रावण' नहीं मरते।
दशहरे की आपको हार्दिक शुभ कामनायें!
आपका अपना
Royal Star HD

Saturday 17 October 2015

मूल्य

लोहे की एक छड़ का मूल्य होता है 250 रूपये.
इससे घोड़े की नाल बना दी जाये
तो इसका मूल्य हो जाता है 1000 रूपये.
इससे सुईयां बना दी जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 10,000 रूपये.

इससे घड़ियों के बैलेंस स्प्रिंग बना दिए जायें तो इसका मूल्य हो जाता है 1,00,000 रूपये... --

"आपका अपना मूल्य-- इससे निर्धारित नहीं होता कि आप क्या है बल्कि इससे निर्धारित होता है कि आप में खुद को क्या बनाने की क्षमता है"!!!!
इतने छोटे बनिए कि
हर कोई आपके साथ बैठे,
..ओर इतने बड़े बनिए कि
आप खड़े हो तो कोई बैठा न रहे..!!

कभी कभी
आप अपनी जिंदगी से
निराश हो जाते हैं,
जबकि
दुनिया में उसी समय
कुछ लोग
आपकी जैसी जिंदगी
जीने का सपना देख रहे होते हैं।

घर पर खेत में खड़ा बच्चा
आकाश में उड़ते हवाई जहाज
को देखकर
उड़ने का सपना देख रहा होता है,
परंतु
उसी समय
उसी हवाई जहाज का पायलट
खेत ओर बच्चे को देख
घर लौटने का सपना
देख रहा होता है।

यही जिंदगी है।
जो तुम्हारे पास है उसका मजा लो।

अगर धन-दौलत रूपया पैसा ही
खुशहाल होने का सीक्रेट होता,
तो अमीर लोग नाचते दिखाई पड़ते,
लेकिन सिर्फ गरीब बच्चे
ऐसा करते दिखाई देते हैं।

अगर पाॅवर (शक्ति) मिलने से
सुरक्षा आ जाती
तो
नेता अधिकारी
बिना सिक्युरिटी के नजर आते।
परन्तु
जो सामान्य जीवन जीते हैं,
वे चैन की नींद सोते हैं।

अगर खुबसुरती और प्रसिद्धि
मजबूत रिश्ते कायम कर सकती
तो
सेलीब्रिटीज् की शादियाँ
सबसे सफल होती।
जबकि इनके तलाक
सबसे सफल होते हैं

इसलिए दोस्तों,
यह जिंदगी ......

सभी के लिए खुबसुरत है
इसको जी भरकर जीयों,
इसका भरपूर लुत्फ़ उठाओ
क्योंकि
जिदंगी ना मिलेगी दोबारा...

सामान्य जीवन जियें...
विनम्रता से चलें ...
और
ईमानदारी पूर्वक प्यार करें...

स्वर्ग यहीं है
एक ट्रक के पीछे एक
बड़ी अच्छी बात लिखी देखी....

"ज़िन्दगी एक सफ़र है,आराम से चलते रहो
उतार-चढ़ाव तो आते रहेंगें, बस गियर बदलते रहो"
"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!

तज़ुर्बा है हमारा... . .. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!

Friday 16 October 2015

।। कड़वी सच्चाई ।।

चुटकुला तो नही है पर यह पढने के बाद एक प्यारी सी स्माइल जरूर आएगी
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1) कितना मुश्किल है, जिंदगी का सफर..., भगवान मरने नही देते और इंसान जीने नही देते।

2) खून जिसका भी हो रंग सबका एक ही है, कैसे पता लगाया जाये बेगाना कौन है और अपना कौन है।

3) चलो माना दुनियाँ बहुत बुरी है, लेकिन तुम तो अच्छे बनो तुम्हे किसने रोका है....!!

4) जो जैसा है, उसे वैसा ही अपना लो…!! रिश्ते निभाने आसान हो जायेंगे..,

5) “दुआ” कभी खाली नही जाती… बस लोग ईन्तजार नही करते..!!

6 ) हे स्वार्थ तेरा शुक्रिया... एक तू ही है , जिसने लोगो को आपस में जोड़ कर रख रखा है.

7) वक़्त की मार तो देख... दुनिया जीतने वाले सिकंदर का देश ... दिवालिया हो गया....

8) ''' गिरना भी अच्छा है,औकात का पता चलता है ,, ''' बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, अपनों का पता चलता है ,,

9) बहुत देखा जीवन में समझदार बन कर, पर ख़ुशी हमेशा पागल बनने पर ही मिलती है...!!!

10) गलती जिंदगी का एक पन्ना है; परन्तु 'रिश्ते' पूरी किताब हैं। ज़रूरत पड़ने पर 'गलती' का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना

11) जिन्दगी के सफर से, बस इतना ही सबक सीखा है । सहारा कोई कोई ही देता है, धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है...!!

12) इंसान को उस जगह हमेशा 'खामोश' रहना चाहिये - जहां . . . 'दो कौड़ी' के लोग अपनी 'हैसियत' के गुण गाते हों.....

13) धर्म से कर्म इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि धर्म करके भगवान से मांगना पडता है, जब कि कर्म करने से भगवान को खुद ही देना पडता है॥

14) कोई भी ईन्सान इतना अमीर नही होता की वो अपना भुतकाल खरीद सके ... और... कोई इतना गरीब नही होता की वो अपना भविष्य न बदल सके.

15) इंसान को अपनी औकात भूलने की बीमारी है और कुदरत के पास उसे याद दिलाने की अचूक दवा...

16) छोटे छोटे कदम मीलों का सफर तय कर सकते हैं।

17) ‘सब्र’ और ‘सच्चाई’ एक ऐसी सवारी है…..जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती….. ना किसी के कदमो में…और ना किसी की नज़रों में..!!

18) अच्छे के साथ अच्छे रहे...लेकिन बुरे के साथ बुरे नहीं बने... "क्योंकि" पानी से खून साफ कर सकते है लेकिन खून से खून नहीं

आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू - सड़क वही रहेगी |

आप टाइटन पहने या रोलेक्स - समय वही रहेगा |

आपके पास मोबाइल एप्पल का हो या सेमसंग - आपको कॉल करने वाले लोग नहीं बदलेंगे |

आप इकॉनामी क्लास में सफर करें या बिज़नस में - आपका समय तो उतना ही लगेगा |

आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं |

एक सत्य ये भी है कि धनवानो का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है की वे भी धनवान हैं |

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साईज़ सब घर में एक जैसी ही होती है।
      👌 शानदार बात👌
अच्छी लगे शेयर जरूर करे धन्यवाद ।।
Royal Star HD

Saturday 10 October 2015

तेरे सीने से लगकर,
तेरी आरजू बन जाऊँ,
तेरी साँसो से मिलकर,
तेरी खुशबु बन जाऊँ,
फासले ना रहें कोई
हम दोनो के दरमिआँ,
मैं... मैं ना रहुँ...
बस तु ही तु बन जाऊँ 💞

Wednesday 7 October 2015

दर्द किसान का

देखता हूं नित दिन मैं एक इंसान को
धूप में जलता हुआ शिशिर में पिसता हुआ
वस्त्र है फटे हुए पांव हैं जले हुए
पेट-पीठ एक है बिना हेल्थ जोन गए हुए।
खड़ी फसल जल रही
सूद-ब्याज बढ़ रही
पुत्र प्यासा रो रहा दूध के इंतजार में
फटी बिवाई कह रही
दीनता की कहानी
शब्दों के अभाव में
जो रह गई बेजुबानी
जीवन निस्सार संगीत है
भविष्य भी भयभीत है
रो रहा वर्तमान है
सामने अंधकार है
कष्ट में वह पूछता है
कर्मफल कब पाऊंगा?
या यूं ही संघर्ष करता
परलोक सिधार जाऊंगा।

Sunday 4 October 2015

India My Pride Must Watch

सुलगता मन

सुलगता मन --------------- कहते है लोग मिलन में जुदाई है बंद कर ली अँखियाँ दिख न जाए कहीं जो यादों में किसी के डबडबा आई है रोक लिया खुद को खुशबू उस तक ना पहुंचे संगदिल मेरी तरह वो भी तङपे मालूम तो हो इंतजार किसे कहते है विरह में जले जो दिल अगन और तपन उसकी आखिर किसे कहते हैं लेखिका :- प्रीति पोद्दार

हक विदाई का

हक विदाई का ------------------ तुम्हारा ही हिस्सा हूँ ना समझ आई प्रगाढ़ता प्रेम की तो इक भूला बिसरा किस्सा हूँ ना सुनी अनकही कभी दिल की बतियां समझे ना तुम कभी प्रीत या बेबसी मेरी सूखे लब दरारें पर गई जिनमें खेलती थी मुसकुराहटें कभी कोई तो वो इक लम्हा होगा मुझ बिन न कटता होगा जो वहीं अधूरा पल दे देना भर लेना आगोश में चूम लेना पलकें जब भी आ जाए विदाई की मेरी घड़ी इच्छा पूरी होगी ये तो हाँ कह भी दो ना जान मेरी लेखिका :- प्रीति पोद्दार


Saturday 3 October 2015

चाँद फिसला मुठ्ठी से

चाँद फिसला मुठ्ठी से
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फासले दरमियां आ गए
लो आसमां पे थे
जमीं पे आ गए
चाँद रख दिया था
जिन हाथों पर
लाकर तूने
कर ली थी
झठ से मुठ्ठी
बंद मैंने
हाए
लगी प्यार को मेरे
खुद की नजर
शायद
गुमां था होगा ना जहां में
मुझसे खुशनसीब
बस
यहीं इक छोटी सी भूल
हो गई हमसे
जिसे चाहा
खुद से ज्यादा
कसूरवार
उसी के हो गए
प्रीति