बाअदब आँखों में गौहर छुपाए रखता हूँ
लबों पर अपने तबस्सुम सजाए रखता हूँ .
मुक़म्मल आराम चाहती हैं थकी पलकें
आख़िरी दिन लिए नींद बचाए रखता हूँ.
कोई तन्हा छोड़ गया था मुझ दीवाने को
उसी मोड़ पर मैं आँखे बिछाए रखता हूँ.
चराग़ रौशन रखने हों जब देर तलक
एहतियातन दूर उनसे हवाएँ रखता हूँ.
बनानेवाले ने कैसे-कैसे लोग बनाए हैं
कोशिश करता हूँ सबसे बनाए रखता हूँ.
Royal StaR HD
Saturday, 31 October 2015
बाअदब आँखों में गौहर छुपाए रखता हूँ
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