मैं गँवार हूं...गांव का गवाँर हूँ...
क्योंकि मेरे आदर्श शहीद चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह है,
सनी लियोन या हनी सिंह नहीं.
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हाँ मैं गांव का गवाँर हूँ,
क्योंकि मेरे घर मेँ तुलसी का पौधा है,
मनीप्लान्ट नही..
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हाँ मैं गवाँर हूँ,
क्योंकि मेरे घर गीता- रामायण पढ़ी जाती है,
सत्य कथा या मनोहर कहानियाँ नही..
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हाँ मैं गवाँर हूँ,
क्योंकि मातृभाषा हिन्दी लिखता हूँ,
फिरंगियों की भाषाअँग्रेजी नहीं..
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हाँ मैं गवाँर हूँ,
क्योंकि हमारे घर महाराणा प्रताप देखा जाता हैं,
फ़ैशन टीवी नहीं..
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हाँ मैं गवाँर हूँ,
क्योंकि परिवार की बहन बेटी घर पर,
तीज- त्यौहार मनाती हैं...
क्लब या डिस्को में नही…
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अगर ये गवाँरपना है तो
मैं गवाँर हूँ,
जिन्हे पसंद हो उन्हे उनकी पश्चिमी सभ्यता मुबारक…
वो पश्चिम जहाँ सूरज भी जाकर डूब जाता है...
🚩राम राम🚩
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