Tuesday 10 March 2015

मैं गँवार हूं...गांव का गवाँर हूँ... क्योंकि मेरे आदर्श शहीद चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह है, सनी लियोन या हनी सिंह नहीं. . हाँ मैं गांव का गवाँर हूँ, क्योंकि मेरे घर मेँ तुलसी का पौधा है, मनीप्लान्ट नही.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि मेरे घर गीता- रामायण पढ़ी जाती है, सत्य कथा या मनोहर कहानियाँ नही.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि मातृभाषा हिन्दी लिखता हूँ, फिरंगियों की भाषाअँग्रेजी नहीं.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि हमारे घर महाराणा प्रताप देखा जाता हैं, फ़ैशन टीवी नहीं.. . हाँ मैं गवाँर हूँ, क्योंकि परिवार की बहन बेटी घर पर, तीज- त्यौहार मनाती हैं... क्लब या डिस्को में नही… . अगर ये गवाँरपना है तो मैं गवाँर हूँ, जिन्हे पसंद हो उन्हे उनकी पश्चिमी सभ्यता मुबारक… वो पश्चिम जहाँ सूरज भी जाकर डूब जाता है... 🚩राम राम🚩

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