।। आचरण चला गया ।।
इन्सान चाँद पर तो पहुँच गया
पर भाई के घर तक नहीं पहुँच सका..
हम अन्तरिक्ष में उड़ना सीख गए समुद्र में तैरना सीख गए
मगर जमीन पर रहना भूल गये..
हमने इमारतें बड़ी बना लीं पर
दिल छोटा कर लिया..
हमने रास्ते चौड़े कर लिए पर
देखने का नजरिया छोटा कर लिया..
हमने साधन कई गुना बढ़ा लिए
पर अपना मुल्य कम कर लिया..
हमने ज्यादा बोलना सीख लिया
पर प्रिय बोलना छोड़ दिया..
हमारे पास बिचार तो बहुत आ
गए पर आचरण चला गया..
कुछ भी बनो मुबारक है पर
सबसे पहले "इन्सान" बनो.. !!
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