Monday, 27 July 2015

कलाम साहब मुस्कुराहट लिए आए,हमारी जिंदगी में मुस्कुराहट भरी,और मुस्कुराते हुए चले गए ,जिंदगी हो तो ऐसी ,कोई चाहकर भी आपसे नाराज नही हो पाया

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