Monday, 18 May 2015

मुहब्बत शोर है, तो, शोर मत कर
इबादत है अगर, कुछ, और मत कर….

नज़ाकत से, नफ़ासत से, निभाना
ये कच्ची डोर है, तू जोर मत कर .....

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