Tuesday 7 April 2015

वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.

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