तू जान है मेरी
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ पर अब भी तुझे मैं अपनी जान मानता हूँ
एक आखरी मौका दे मुझे आज भी मैं तुझे अपनी शान मानता हूँ
सिर्फ सांसे ही तो बाकि है जब तेरी याद आती है
याद में तेरी साथ ये भी छोड़ जाती है
गलती तो सबसे होती है गलती मुझसे भी हो गयी
अब माफ़ भी कर दे मुझे क्यूँ दूर इतना हो गयी एक गलती के लिए
क्यूँ साथ छोड़ गयी क्यूँ तू मुंह मोड़ गयी तू
क्यों बेनिशान सा निशान छोड़ गयी
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ
पर अब भी तुझे में अपनी जान मानता हूँ शान मानता हूँ .........
सोचा कुछ पीकर तुझे भुला दूंगा पर पीकर भी याद
आई तू ..
इतनी सी बात पर छोड़ गयी तू जाना ही था तो आई क्यूँ
जीना मेरा आसान कर तू मिलके ये अहसान कर.....
याद तेरी सताती है अब आजा बात मेरी मानकर ....
जब जब तू चली जाती है ऐसी नमी छा जाती है ..
जैसे गिर पड़े हो बादल मुझ पर एक आंच दिल पे आ
जाती है
जब आँखे बंद होती है बस तू साथ होती है ...
तेरी यादो के तकिये पर बस रात मेरी सोती है ..
तू क्यूँ दूर है यूँ मुझसे तुझे चाहता हूँ पुरे “दिल” से
सुन ले
मेरी आरजू .....तू ही मेरी जान है तू ही मेरा जहाँ है
तू ही है सब कुछ मेरा अधुरा तेरे बिन ये दिल ये मेरा
क्या तू समझती नहीं ये दिल है सिर्फ तेरा ....
हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जनता हूँ
पर अब भी तुझे मैं अपनी जान मानता हूँ
एक आखरी मौका दे मुझे
आज भी मैं तुझे अपनी शान मानता हूँ
शान मानता हूँ .........
जान मानता हूँ ............. जान मानता हूँ .......
जान मानता हूँ .............
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