Monday 30 November 2015

हम दोनों....


               सूरज चंदा जैसी जोड़ी हम दोनों
            दिन का राजा रात की रानी हम दोनों

           जगमग जगमग दुनिया का मेला झूठा
             सच्चा सोना सच्चा चांदी हम दोनों

                इक दूजे से मिल कर पूरे होते हैं
              आधी आधी एक कहानी हम दोनों

           घर घर दुःख सुख का दीपक जले बुझे
            हर दीपक में तेल और बाती हम दोनों

             दुनिया की ये माया कंकर पत्थर है
              आँसू शबनम हीरा मोती हम दोनों

              चारों ओर समुन्दर बढ़ती चिंताएँ
             लहर लहर लहराती कश्ती हम दोनों


इंतज़ार मुझे आज भी है



आज भी है....

बुझी हुई शम्मा के जलने का इंतज़ार आज भी है

मेरे प्यार को पाने का इंतजार आज भी है



आज भी गूंजती है उसकी प्यारी बातें कानों में

आज भी दिखता है प्यार उसके तानों में

उसके पास आने के लिए दिल बेकरार आज भी है

नम आँखों में उसका दीदार आज भी है



खड़ा हूँ आज भी वहीं जहाँ छोड़के तू गई थी

ताकता हूँ आज भी उन राहों को जहाँ..

अलविदा तुने कहा था

आखिरी सांस से पहले आजा...

मौत को मेरा इंतजार आज भी है

हँसी ले गई है तू साथ मेरी,

सबको मेरी हँसी का इंतजार आज भी है



ना कर ऐसी रुसवाई कर की दम टूट जाये

ना रूठ तू मुझसे भले मेरा रब रूठ जाये

हर सांस में तेरा नाम लिखा आज भी है

मेरे लिये मेरी दुनिया, रब मेरा तू आज भी है



बुझी हुई शम्मा को जलने का इंतजार आज भी है

मेरे प्यार को पाने का इंतज़ार मुझे आज भी है

Miss you ♡==☆ {{♥}}




आज देख के तुझे.....

प्यार का एसा रंग छाया.....

चाहकर भी ना रोक पाऊं.....

हर जगाह बस तू नजर आय.....

जो छुपी थी..... काले चश्मो के पीछे.....

वो तेरी झील सी आँखें आज नजर आई.....

खुदकी आँखों को बंद किया.....

फिर तेरी सूरत को मैंने पलकों में बसाया......

क्यूँ ईतनी चाहत है तुझसे.....

आजतक मैं खुद को ही... समझ नही पाया......

हर आस मेरी अब तुझसे है.....

ये तू भूल ना जाना.....

जो किए है वादे तूने दिल से उसे निभाना....

साथ तुने मेरा छोड़ दिया तो ये दर्द ना सहे पाऊंगा....

तब तू एक बर जो कहे दे तो....

इस जँहा को छोड़ जाऊँगा.....


नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती

नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती

ये कैसी प्यास है मन की, नहीं बुझती नहीं बुझती,
ये तृष्णा तेरे दर्शन की, नहीं बुझती नहीं बुझती.

ये मुखड़ा चाँद सा, जो देखे एक बार,
देखना चाहता है इसे वो बार -बार,

तड़प ये कैसी है, ये कैसा है खुमार,
इस नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती.

तुम्हारे बिन कहीं ये दिल लगता नहीं,
निगाहों को अपनी कोई जंचता नहीं,

ख्यालों में कोई और बसता नहीं,
इस नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती.

रोके से टोके से कहाँ रुक पाते हैं,
प्यार की डोर से बंधे चले जाते हैं,

की सुध बुध भूल के तुझमें खो जाते हैं,
इस नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती.

ये कैसा बंधन है, ये कैसा नाता है,
तोड़ने से भी ये टूट न पाता है,

प्यार ऐसा "HD" नज़र न आता है,
इस नुरानी चहरे से ये नज़र नहीं हटती.

♡=HD=☆

मुझे बस सिर्फ तू और तू ही हर बार चाहिए...........



मुझे तो बस एक तुम्हारा ही साथ चाहिए,
थामने के लिए मुझे तुम्हारा हाथ चाहिए,
.
छोड़ तो ना दोगे तुम मुझे बीच राह में कहीं?
बिन तुम्हारे ना सुबह और ना शाम चाहिए,
.
जिस बारिश के बीच बस तुम ही हो संग मेरे,
मुझे रो बस सावन की वो ही बरसात चाहिए,
.
आओगे तुम जिस रात ख्वाबों में मेरे करीब,
जीवन में बस वो ही सपनों वाली रात चाहिए,
.
ना साँसों की ज़रुरत ना ज़रुरत धड़कनों की,
हर पल हर घड़ी बस तेरा ही दीदार चाहिए,
.
गम नहीं गर हासिल ना हो खुशियाँ मुझको,
मुझे बस सिर्फ तू और तू ही हर बार चाहिए...........

♡=$=☆

मोहब्बत का ईजहार





ना होगी लफ्झो में बयान जो

वो मोहोब्बत हमने की है तुमसे

देख ले ताकत खुदा ए ईश्क की आज

तू दूर होकर भी पास है मुझसे


तू कहेना पाए इस दुनिया से मगर

तू मुझसे यूँ आँखों के ईसारो से कहेती है

तेरे निगाहों से दिदार को ना जाने क्यूँ

मेरी पलकें भी कजरे पे सजी रहेती है


रोज लिखता हुं मै तेरी तारीफे ये सोच कर की

कभी तो तू मुझपर ईश्को करम बरसाएगी

कभी सोचा ना था मैंने की

एक नदियाँ सागर को यूँ तरसाएगी


देख तू भी मोहोब्बत का ईजहार करले

वरना कैसे कल को फिर ईश्क जताएगी

♡=$=☆

आज तुम साड़ी पहेन कर...


👌. 🌷. 👌

आज तुम यूँ साड़ी पहन कर सामने आ गई
मैं घटा मानता था तुम तो बिजली गिरा गई
🔯. 🔯. 🔯

सोचा था आज रूठा रहूँगा मानुंगा ना मै
तुम्हारी मुस्कराहट सारी शिकायत भुला गई
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कितने देखे फूल जहाँ में दिल नहीं माना था
तुम्हारी एक अदा मुझे बस दिवाना बना गई
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खुले बाल थे और पहना था सादगी का गहना
तुम्हारी छबी दिल-ओ-जाँ को पूरा हिला गई
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यूँ अचानक खिल के आईं नसगिस जैसे तुम
मर गया मैं मरने में भी लज्जत दिला गई
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इसे मुहब्बत का दर्दो-गम कहिए
या बदनसीबों का कफन कहिए..

जो खो गया है वही बस है अपना
जो बचा है उसे वहम कहिए..

जब दीवारों में कोई अपना दिखे
उसे ही दुनिया में सनम कहिए..

चाहत में जो आपके लिखता है गजल
ऐसे शायर को न बेरहम कहिए..

Saturday 21 November 2015

हर वो पल याद आते हैं मुझे

गुलाब सा खिल जाना !!!

सुबह-सुबह आँखों में नींद लिए

तुम्हारा बालकनी में निकल आना

दोनों हाथो से बालों को सुलझाना ।

सूरज की हलकी धूप पड़ते ही

तुम्हारे चेहरे का गुलाब सा खिल जाना ।

हवाओ के ठन्डे झोकों से

तुम्हारे बदन का अचानक कांप जाना

मुझसे थोड़ी दूर बैठकर तुम्हारा मुझे देखना

फिर अचानक उठकर बेपरवाह चले जाना

दरवाजे पर पहुचते ही मुड़कर मुझे देख लेना

आँखों से न जाने क्या कहकर

आहिस्ते से तुम्हारा मुस्करा देना

तभी गर्दन के संग जुल्फों को झटक कर

बिना सोचे तुम्हारा यू गुजर जाना

कभी छोटी-छोटी बातो पर तुम्हारा गुस्साना

तुम्हारी गहरी आँखों का आंसुओ से भर जाना

नम आँखों को छुपाने की कोशिश में

मासूम से चेहरे को नन्ही हखेलियों से ढक लेना

थोड़ी देर बाद मेरे पास आना

मेरे कंधे पर सिर रखकर सो जाना

तो हर वो पल याद आते हैं मुझे

Miss u
♡=$=☆

तुम हो

हाँ वो तुम हो...

होंठ अगर मुस्करातें है तो उसकी वजह तुम हो, 

साँसें अगर चलती है तो उसकी वजह तुम हो, 

कैसे बताऊं तुझे मेरी ज़िंदगी की वजह तुम हो. 

दुवाओं में जिसको माँगा वो शक़स तुम हो, 

हक़ीक़त में रब से मिलवाया जब रब ने, तो वो भी तुम हो!! 



कैसे बीत गये ये कुछ महीने कुछ साल तेरे साथ, 

बस हाथों में यों ही लिए तेरे हाथ!! 

बस यों ही सारी ज़िंदगी तेरे साथ बीताने की आरज़ू है, 

और ना मिले अगर तेरा साथ तो ज़िंदगी एक मरी रूह है!! 



ज़िंदगी का मकसद बस शायद पाना था तुझे, 

कभी सोचा ना था, यूँ रुलाने था तुझे, 

आज इस मोड पर अपने आप से नफ़रत है मुझे, 

क्योंकि हर मोड पर ही रुलाया है तुझे, 

जो लम्हें तुझसे लड़कर बारबाद कर दिए उन्हें वापस लाना है मुझे, 

और वादा है इसी ज़िंदगी में हर मोड पर अब हसाना है तुझे!! 



यह साँसें अब चलेगी तो तेरे लिए, रुकेंगी तो तेरे लिये, 

फिर कह देता हूँ आज तुझसे, ज़िंदा हूँ बस तेरे लिए, बस तेरे लिए, बस तेरे लिये..........