Sunday 28 February 2016

जिंदगी

दिल के टूटने पर भी हंसना
शायद जिंदगी इसी को कहते हैं ।
ठोकर लगने पर भी मंजिल तक भटकना
शायद तलाश इसी को कहते हैं ।
किसी को चाह कर भी ना पाना
शायद चाहत इसी को कहते हैं ।
टूटे खण्डहर में बिना तेल का दीपक जलाना
शायद उम्मीद इसी को कहते हैं ।
गिर जाने पर फिर से खडा होना
शायद हिम्मत इसी को कहते हैं ।।
उम्मीद...हिम्मत...चाहत...तलाश...
शायद जिंदगी इसी को कहते हैं ।।।

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